इटली में क्यों हो रही हैं इतनी ज्यादा मौतें?

इटली में क्यों हो रही हैं इतनी ज्यादा मौतें?

रोहित पाल

खतरनाक कोरोना वायरस की मार झेल रही इटली में मरने वालों की संख्या गुरुवार को इस बीमारी की  शुरुआत होने वाले देश चीन से भी आगे निकल गयी है। दुनिया में इटली एक ऐसा देश है जहां कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। वहीं गुरुवार को इटली में 427 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई जिससे मरने वालों का कुल आंकड़ा 3405 हो गया। चीन में अब तक 3245 लोगों की मौत हुई है।

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कोरोना के असर को देखते हुए 2 मार्च से ही इटली में लॉकडाउन है और अब इसे अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया गया है। इटली में सभी लोगों को अपने घरों में रहने के लिए कहा गया है। इटली सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद दिन-प्रतिदिन कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं और मौतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। 41 हजार से अधिक लोग अभी कोरोना से संक्रमित हैं। अब तक दुनियाभर में कोरोना से संक्रमण के 220, 000 मामले सामने आ चुके हैं और 9 हजार से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं।

इटली ने संकट से निपटने के लिए सभी स्कूलों, व्यवसायों और विश्‍वविद्यालयों को बंद कर दिया है और लोगों के एक जगह इक्क्ठा होने पर रोकलगा दी है। वहीं इटली के प्रधानमंत्री गियूसेप्‍पे कोंटे ने कहा है कि लॉकडाउन ने पूरी व्‍यवस्‍था को बर्बाद होने से बचाया है। उन्होंने कहा लॉकडाउन हटाए जाने के बाद भी तुरंत पहले वाली स्थिति में आना मुश्किल है। इस बीमारी का असर इतना ज्यादा हुआ है कि 6 करोड़ की आबादी वाला इटली मौतों के मामले में अब अपने से 20 गुना ज्‍यादा आबादी वाले चीन से आगे निकल चुका है।   

वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इटली में ज्यादा मौतें होने का कारण अधिक बुजुर्ग आबादी का होना है। इटली में दुनिया की दूसरी सबसे ज्‍यादा बुजुर्ग आबादी है और जिनकी मौत हुई है, उनमें से 87 फीसदी लोग 70 साल की उम्र से ज्‍यादा के हैं।

यही नहीं इटली का जो उत्तरी हिस्सा है वह फैशन और गारमेंट इंडस्ट्री के कारण फल-फूल रहा है। फेमस वैश्विक ब्रांड जैसे कि गुची और प्राडा का यही बेस है। चूंकि चीन दुनिया को सस्ता मैनुफैक्चरिंग उपलब्ध कराता है इसलिए इटली के ज्यादातर फैशन ब्रांड चीन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इटली के इन फैशन हाउस में सस्ते कामगारों के रूप में चीनी श्रमिकों को हायर किया गया है, जिनमें से अधिकांश वुहान के नागरिक हैं।

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इसके अलावा  इटली से वुहान के लिए सीधी फ्लाइट की सुविधा है और इटली की फैक्ट्रियों में एक लाख से अधिक चीनी नागरिक काम करते हैं। चीनी नागरिकों ने धीरे-धीरे चीन में अपनी पैठ कायम कर ली और यहां की ज्यादातर फैशन फर्म के मालिक चीनी नागरिक हैं। इसके अलावा एक रिपोर्ट में यह बी बताया गया है कि यहां करीब 3 लाख चीनी हैं और उनमें से 90 फीसदी लोग इटली की गारमेंट फैक्ट्री में काम करते हैं। यहां हजारों छोटी कंपनियां हैं जो कि निर्यात का काम करती हैं।

बात यहीं खत्म नहीं होती है। दरअसल इस सच्चाई को देखने के बाद भी इटली के प्रशासन की नींद कोरोना वायरस के खतरे को लेकर देर से खुली और जब खुली तो कोरोनावायरस यहां अपना पैर जमा चुका था। इस सच्चाई को देखने के बाद भी इटली के प्रशासन की नींद कोरोना वायरस के खतरे को लेकर देर से खुली और जब खुली तो यह तेजी से फैल चुका था। अब तक इटली में 2,978 लोगों की मौत हो चुकी है और 35,713 लोग संक्रमित हैं, जबकि चीन में मौत का आंकड़ा 3245 है।

वहीं विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस ने इटली पर दो तरह से अटैक किया है। पहले तो यहां मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। यहां करीब 60 प्रतिशत आबादी 40 की उम्र या उससे ऊपर है। जिनमें 23 प्रतिशत आबादी 65 की उम्र के ऊपर है। इसी वजह से देश की एक चौथाई आबादी खतरे की जद में हैं। दूसरा, अर्थव्यवस्था से जुड़ा है, जिसपर प्रतिकूल असर पड़ा है। यह देश की 100 अरब डॉलर की फैशन इंडस्ट्री को प्रभावित करेगा क्योंकि अधिकतम  यह चीन पर निर्भर है न सिर्फ सस्ते मैन्युफैक्चर के लिए बल्कि चीन के अरबों के उपभोक्ता मार्केट के कारण।

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विशेषज्ञों का मानना है कि नोवेल कोरोना वायरस ने इटली पर दो तरह से अटैक किया है। पहले तो यहां मृतकों की संख्या काफी ज्यादा है। करीब 60 प्रतिशत आबादी 40 या उससे ऊपर है, जिनमें से 23 प्रतिशत आबादी 65 फीसदी है। इसके कारण देश की एक चौथाई आबादी खतरे की जद में हैं। दूसरा, अर्थव्यवस्था से जुड़ा है और जिसपर प्रतिकूल असर पड़ा है। यह देश की 100 अरब डॉलर की फैशन इंडस्ट्री को प्रभावित करेगा क्योंकि ज्यादातर यह चीन पर निर्भर है न सिर्फ सस्ते मैन्युफैक्चर के लिए बल्कि चीन के अरबों के उपभोक्ता मार्केट के कारण।

 

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